हाथ की लकीरो को तकदीर का आइना कहा जाता है क्योंकि इनमे हमारे भविष्य, भूत और वर्तमान से जुड़े कई राज छिपे होते है | हस्तरेखा शास्त्र में इसी बात का अध्ययन किया जाता है कि हथेली में मौजूद रेखाएं किस प्रकार किसी मनुष्य के राज उजागर कर देती है | हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार दोनों हथेलियों को सटाकर रखने पर हमारे हाथ में जो आधे चाँद की आकृति बनती है वो कई प्रकार के शुभ संकेत देती है | ये रेखाएं हमारे ह्रदय की सेहत से जुडी भी जानकारी देती है | आज हम आपको इस आधे चंद्र से जुडी जानकारियां देने जा रहे है |
जिन लोगो की हथेली में सूंदर अर्धचंद्र होता है उनका ससुराल पक्ष की ओर झुकाव बहुत होता है | इनके अपने ससुराल से बहुत ही मधुर संबंध होते है |
जिसकी हथेलिओ में अर्धचंद्र बनता है और दोनों हथेलियों में ह्रदय रेखा गुरु पर्वत की ओर जाती है और साथ ही शुक्र पर्वत उभरा हुआ होता है तो उनका वैवाहिक जीवन बहुत ही सुखमय और आनंदमय व्यतीत होता है |
यदि किसी की भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से होकर ह्रदय रेखा को छूते हुए गुरु पर्वत से मिल जाती है तो ये विवाह के संबंध में बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है |
भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से शुरू होकर गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान बनाती है तो यह एक मनपसंद जीवनसाथी के साथ सुखमय जीवन बिताने का संकेत है |
जिन लोगो की हथेली में ह्रदय रेखा शनि और गुरु पर्वत पर आकर समाप्त हो जाती है ऐसे लोग भावनात्मक रूप से बहुत कमजोर होते है |